दिल्ली (ब्यूरो)। दिल्ली पुलिस को उस समय एक और बड़ी सफलता हाथ लगी जब
उसने फर्जी नेपाली पासपोर्ट बनाने वाले एक अंतर्राष्ट्रीय रैकेट का खुलासा
किया। पुलिस ने तीन नेपाली नागरिकों समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर उनके
कब्जे से 41 फर्जी पासपोर्ट, 104 फॉरेन इनप्लॉयमेंट परमिट स्टीकर और दो रबर
स्टांप बरामद की है। गिरोह नेपाली महिलाओं को दुबई भेजता था।
स्पेशल सेल उपायुक्त संजीव कुमार यादव ने पत्रकारों को बताया कि इस गिरोह
का मुखिया राम बहादुर बिष्ट है जो इस गिरोह का संचालन संयुक्त अबी अमीरात
से करता है। यहां भारत में उसके कार्यों को शब्बीर देखता है। गिरोह सरगना
सऊदी अरब में ऐसे लोगों से मोटी रकम वसूलता था जिन्हें काम के लिए नेपाली
महिलाओं की जरूरत होती थी। राम बहादुर के निर्देश पर नबीन कुमार ने दिल्ली
में आकर अपना ठिकाना बनाया था।
आशिक मियां नेपाल से महिलाओं को विदेश में नौकरी के सब्जबाग दिखा दिल्ली
लाता था। यहां शब्बीर से लिए गए पासपोर्ट पर महिलाओं की सभी जानकारियां
भरने के बाद फर्जी रोजगार वीजा स्टीकर चिपकाया जाता था। अपने ग्राहक से
गिरोह फर्जीवाड़े के 20 हजार रुपये वसूलता था। महिलाएं इनके चक्कर में
इसलिए भी आ जाती थीं क्योंकि नेपाली सरकार ने नेपाली महिलाओं के दुबई
प्रवास पर रोक लगा रखी है। इसलिए गिरोह नेपाल सरकार को चकमा देकर महिलाओं
को दिल्ली के रास्ते खाड़ी देशों में भेजने का काम कर रहा था।
स्पेशल सेल के उपायुक्त संजीव यादव ने बताया कि सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी
को सूचना मिली थी कि नेबसराय निवासी नवीन कुमार फर्जी नेपाली पासपोर्ट
तैयार करता है। पुलिस ने उस पर निगरानी शुरू की। इस दौरान पता चला कि नवीन
अपने सहयोगियों के साथ मुनिरका में किसी को पासपोर्ट पहुंचाने के लिए आ रहा
है। स्पेशल सेल की टीम ने घेराबंदी कर नवीन, मुनिरका निवासी विपिन और वसंत
कुंज निवासी आशिक को गिरफ्तार कर लिया। तीनों मूल रूप से नेपाल के रहने
वाले हैं। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि सभी पासपोर्ट नेबसराय में रहने
वाले उत्तम सिलवाल को दिए जाने थे। पुलिस ने उसे भी धर दबोचा।
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